Tuesday, July 19, 2016

पतनशील स्‍केच (जारी)


प्‍यारी दोस्‍त अपराजिता की कूची और मेरी कलम

Sunday, July 17, 2016

पतनशील पत्नियों दी हट्टी



किधर जा रहे हो किधर है ध्‍यान
पतनशील पत्नियों के नोट्स की यही है दुकान 

OPENING SHORTLY